४ जून २०१० को केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रणाली विकास निधि) अधिनियम के तहत, पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड पीएसडीएफ का गठन किया गया।
पीएसडीएफ के खाते में निम्नलिखित नियामक प्रभारों का जमा कराया गया है:
- संकुलन सहायता कोष नियमों के अनुसार, ब्याज के साथ संकुलन प्रभार प्राप्त करने के हकदार क्षेत्रीय संस्थाओं को देय राशि के विमोचन के बाद “संकुलन प्रभार खाते” के ऋण के लिए संकुलन प्रभार, यदि कोई हो।
- विद्युत बाजार के नियमों के अनुसार, विद्युत विनिमय में बाजार विभाजन के परिणामस्वरूप अलग-अलग क्षेत्रों के बाजार में कीमतों में अंतर से उत्पन्न होने वाली संकुलन राशि।
- विचलन परिनिर्धारण तंत्र के नियमों के अनुसार, दावों के अंतिम निपटान के बाद क्षेत्रीय विचलन पूल खाता निधि के ऋण के लिए विचलन परिनिर्धारण प्रभार।
- ग्रिड संहिता के अनुसार, प्रतिक्रियाशील ऊर्जा के खाते के ऋण के लिए आरएलडीसी प्रतिक्रियाशील ऊर्जा प्रभार।
- सीईआरसी (अंतरराज्यीय संचारण तक सभी की पहुँच) अधिनियम, २००८ एवं इसमें संशोधनों के अनुसार, एसओटीए में अग्रिम द्विपक्षीय लेन-देन में स्पष्ट नीलामी प्रक्रिया से उत्पन्न अतिरिक्त संचारण प्रभार।
- केन्द्रीय आयोग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित इसी प्रकार के अन्य प्रभार।
दिनांक ४ जून २०१० के सीईआरसी (पीएसडीएफ) अधिनियम, २०१० को, दिनांक १० जनवरी, २०१४ के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्गत संसूचना, संदर्भ संख्या २९/९/२०१०-आर एंड आर (खंड II) के तहत संशोधित किया गया है, जो विद्युत प्रणाली विकास निधि (पीएसडीएफ) के संचालन के लिए योजना तथा उसमें जमा किये गए धन के उपयोग के संदर्भ में कैबिनेट की स्वीकृति के अनुरुप है। ९ जून २०१४ को पीएसडीएफ अधिनियम, २०१४ को सीईआरसी द्वारा अधिसूचित किया गया।
पीएसडीएफ से वित्त पोषण हेतु क्षेत्रीय विद्युत समितियों, उत्पादन कंपनियों, संचारण लाइसेंसधारियों, वितरण लाइसेंसधारियों, लोड प्रेषण केन्द्रों, जिसका भी मामला हो, नोडल एजेंसी के रूप में एनएलडीसी के समक्ष योजनाओं को प्रस्तुत करेगा। एनएलडीसी इन योजनाओं की तकनीकी जांच के लिए मूल्यांकन समिति के पास प्रेषित करेगी। सीईए और सीईआरसी के संचार अध्यक्ष की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति की सिफारिशों के आधार पर, ऊर्जा सचिव के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी निगरानी समिति द्वारा पीएसडीएफ के तहत धन के वितरण को मंजूरी दी जाएगी।
दिनांक १० जनवरी, २०१४ के मंत्रालय संसूचना के पैरा ६ के अनुसार सीईआरसी के परामर्श से एमओपी द्वारा निधि के वितरण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश/प्रक्रिया के निर्धारण की आवश्यकता है। तदनुसार, सीईआरसी के परामर्श से ऊर्जा मंत्रालय द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश / प्रक्रिया तैयार की गई है और उसे मंजूरी दे दी है।
अनुमोदित दिशा निर्देशों / प्रक्रियाओं में पीएसडीएफ से वित्त पोषण हेतु योजनाओं को प्रस्तुत करने के लिए प्रारुप का भी प्रावधान है। दिशानिर्देश/प्रक्रिया के अनुसार, पीएसडीएफ से धन लाभ की इच्छुक संस्थाओं के लिए नोडल एजेंसी को निर्धारित प्रारूप में अपनी योजनाओं को प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी।