पीएसडीएफ के आवेदन, अनुवीक्षण, मूल्यांकन, निगरानी, स्वीकृति, आदि की प्रक्रिया।
- पीएसडीएफ से वित्त पोषण हेतु क्षेत्रीय विद्युत समितियों, उत्पादन कंपनियों, संचारण लाइसेंसधारियों, वितरण लाइसेंसधारियों, लोड प्रेषण केन्द्रों, जिसका भी मामला हो, नोडल एजेंसी के समक्ष योजनाओं को प्रस्तुत करेगा।
- नोडल एजेंसी इन योजनाओं की तकनीकी जांच के लिए मूल्यांकन समिति के पास प्रेषित करेगी।
- प्रस्तावों की जांच-पड़ताल के बाद मूल्यांकन समिति अपने मूल्यांकन रिपोर्ट एवं सिफारिशों को केंद्रीय आयोग एवं इस परियोजना हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले निकाय को लिखित रूप में प्रेषित करेगी।
- मूल्यांकन समिति की सिफारिशों के साथ नोडल एजेंसी केंद्रीय आयोग के साथ चर्चा करेगी, जिसमें पता लगाया जाएगा कि प्रस्तुत परियोजना/योजना (योजनाओं)/गतिविधियों को इन नियमों के दायरे के भीतर शामिल किया गया है अथवा नहीं।
- इस प्रकार के संदर्भ की प्राप्ति पर केंद्रीय आयोग द्वारा निम्नलिखित पहलुओं पर गौर किया जाएगा, अर्थात:- प्रस्तावित परियोजनाएँ/ योजनाएँ / गतिविधियाँ इन नियमों में परिभाषित उद्देश्यों के अनुरुप हैं अथवा नहीं;
- प्रस्तावित योजना (योजनाओं) की प्राथमिकता परिकल्पित सिद्धांतों के अनुसार निर्धारित की गई है अथवा नहीं।
- यदि परियोजना इस अधिनियम के खंड (ई) में निर्दिष्ट शर्तों के अनुरुप है, तो केंद्रीय आयोग नोडल एजेंसी को सूचित करेगा कि प्रस्तावित परियोजना परिभाषित सिद्धांतों के अनुरुप हैं तथा इन नियमों में परिकल्पित सिद्धांतों के अनुसार इनकी प्राथमिकता निर्धारित की गई है।
- इस चरण में केन्द्रीय आयोग परियोजना लागत के विवरणों का गहराई से निरीक्षण नहीं करेगा, जिसकी जांच केवल परियोजना इकाई के टैरिफ याचिका दाखिल करते समय उचित आयोग द्वारा की जाएगी, जिसके माध्यम से
- अन्य बातों के अलावा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी परियोजना / योजना के संबंध में पीएसडीएफ से अनुदान के हिस्से से टैरिफ के लिए दावा नहीं किया गया है।
- इस संबंध में केंद्रीय आयोग से प्राप्त संसूचना के आधार पर, पीएसडीएफ से निधि की स्वीकृति के लिए नोडल एजेंसी निगरानी समिति से संपर्क करेगी।